पटना न्यूज डेस्क: पटना में फर्जी कंपनी के जरिए 18 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। इस कंपनी ने लोगों को ऑनलाइन कैप्चा कोड भरकर पैसे कमाने का लालच दिया। शुरुआत में लोगों को अच्छा रिटर्न दिखाया गया, जिससे हजारों लोग आकर्षित हुए और करीब 18 करोड़ रुपये का निवेश कर दिया। इसके बाद कंपनी अचानक बंद हो गई और शातिर मालिक फरार हो गए। साइबर थाने में इस मामले में कंपनी के मालिक के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
साइबर फ्रॉड के इसी मामले में हरियाणा पुलिस ने कंपनी के एमडी जॉनी सिंह समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पटना साइबर पुलिस जल्द ही इन आरोपियों को हरियाणा से रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। पुलिस का मानना है कि इनका नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ है और ठगी के कई अन्य मामलों में ये शामिल हो सकते हैं।
पीड़ित राज मोहन ने बताया कि उसने यूट्यूब पर हरियाणा रोहतक की कंपनी पीसीएल का वीडियो देखा था। वीडियो में दावा किया गया था कि कैप्चा कोड भरने के बदले पैसा मिलेगा। कंपनी का एक ब्रांच ऑफिस पटना में भी था, जिसका प्रमोशन बिहार सरकार के एक मंत्री ने किया था। राज मोहन ने ऑफिस जाकर 5000 रुपये देकर एक आईडी बनाई और एप डाउनलोड कर काम शुरू किया। एप पर करीब 3500 आईडी एक्टिव थीं, जो यह काम कर रही थीं।
शुरुआत में कंपनी ने अच्छा मुनाफा दिया, जिससे राज मोहन ने 46 आईडी बना लीं और दिन-रात काम करने लगा। लेकिन कुछ दिनों बाद कंपनी ने रिफंड रोक दिया और नियम बदल दिए। पहले पैसा तुरंत मिल जाता था, फिर एक हफ्ते का समय लगने लगा। इसके बाद कंपनी ने कहा कि पैसा एक साल बाद मिलेगा। जब लोगों ने विरोध किया, तो कंपनी अचानक बंद हो गई और कर्मचारी फरार हो गए।
साइबर थानाध्यक्ष सह डीएसपी राघवेंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि पटना में कंपनी चलाने वाले विनोद सिंह की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। उनका कहना है कि इनका नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ है और अन्य राज्यों में भी शिकायतें दर्ज हुई हैं। पुलिस का मानना है कि पूछताछ के बाद और भी खुलासे हो सकते हैं।